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हम बचपन से सुनते आए हैं कि लोहे के बर्तन में खाना पकाने से शरीर को आयरन मिलता है. आजकल स्टील, एल्युमिनियम या नॉन-स्टिक के बर्तन आम हो गए हैं, लेकिन पहले घरों में ज्यादातर लोहे के कढ़ाहे, तवा और पैन का इस्तेमाल होता था. सवाल यह है कि क्या वाकई लोहे के बर्तन में खाना बनाने से खाने में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है?
लोहे के बर्तन से कैसे मिलता है आयरन
अमेरिका की ‘कोलंबिया हेल्थ’ वेबसाइट के मुताबिक, लोहे के बर्तनों में खाना पकाना शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने का एक आसान और प्राकृतिक तरीका है. जब खाना, खासकर खट्टे या अम्लीय पदार्थ, लोहे के संपर्क में पकते हैं तो बर्तन से थोड़ी मात्रा में आयरन खाने में मिल जाता है. इस तरह पका हुआ खाना खाने पर शरीर उस आयरन को सोख लेता है.
खाने में कितनी मात्रा में आयरन मिलेगा, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप क्या और कैसे पका रहे हैं. लंबे समय तक धीमी आंच पर खट्टे पदार्थ पकाने से सबसे ज्यादा आयरन मिलता है. उदाहरण के लिए – टमाटर, इमली या नींबू वाला स्टू अगर लोहे के पैन में पकाया जाए तो उसमें तेजी से तले अंडे की तुलना में ज्यादा आयरन होगा. शोधों में पाया गया है कि लोहे के बर्तन में नियमित रूप से खाना बनाने से महिलाओं की रोजाना की आयरन जरूरत का बड़ा हिस्सा पूरा हो सकता है.
आयरन क्या है और क्यों जरूरी है
आयरन एक मिनरल है, जिसकी जरूरत शरीर के विकास और स्वस्थ रहने के लिए होती है. शरीर आयरन का उपयोग हीमोग्लोबिन और मायोग्लोबिन बनाने में करता है. हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद प्रोटीन है, जो पूरे शरीर में ऑक्सिजन पहुंचाता है, जबकि मायोग्लोबिन मांसपेशियों तक ऑक्सिजन पहुंचाने में मदद करता है. पर्याप्त आयरन होने से खून की कमी (एनीमिया) का खतरा कम होता है, ऊर्जा स्तर सही रहता है और इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है.
कितनी मात्रा में आयरन लेना चाहिए
भारत सहित कई देशों के पोषण मानकों के अनुसार, 19–50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को प्रतिदिन लगभग 18 मिलीग्राम और पुरुषों को 8 मिलीग्राम आयरन की जरूरत होती है. गर्भवती महिलाओं के लिए यह मात्रा और बढ़ जाती है. हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, गुड़, मांस, मछली और अंडा भी आयरन के अच्छे स्रोत हैं.
ज्यादा आयरन के नुकसान
जैसे किसी भी पोषक तत्व की अधिकता हानिकारक होती है, वैसे ही आयरन की ज्यादा मात्रा भी नुकसान कर सकती है. लगातार ज्यादा आयरन लेने से पेट की परत में सूजन, अल्सर और पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं. इसके अलावा, शरीर को जिंक जैसे दूसरे जरूरी मिनरल्स को सोखने में भी मुश्किल हो सकती है, जो विकास, वृद्धि और इम्यूनिटी के लिए जरूरी हैं. इसलिए सप्लीमेंट्स या दवाओं से आयरन लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.