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Saif Ali Khan: सैफ अली खान आज बॉलीवुड के जाने-माने स्टार एक्टर हैं. उनकी फिल्में देखने के लिए फैंस हमेशा उत्साहित रहते हैं, और उन्हें क्रिटिक्स भी पसंद करते हैं. हालांकि, सैफ का करियर शुरू से ही आसान नहीं रहा. उन्होंने बॉलीवुड में अपने 30 साल के सफर में कई मुश्किलों का सामना किया.
सैफ का जन्म एक बड़े और प्रसिद्ध परिवार में हुआ. उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी एक पूर्व क्रिकेटर थे, और उनकी मां शर्मिला टैगोर अपने समय की मशहूर एक्ट्रेस थीं. इसलिए कई लोग सोचते थे कि सैफ के लिए फिल्म इंडस्ट्री में रास्ता आसान होगा. लेकिन सैफ का कहना है कि ऐसा बिल्कुल नहीं था.
शुरुआती दिनों में उन्हें लीड रोल वाली फिल्में नहीं मिलीं. उन्होंने सेकेंड और थर्ड लीड रोल निभाए. कुछ फिल्में अच्छी भी रही, लेकिन कई बार उनकी फिल्में फ्लॉप हो गईं. सैफ ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि एक समय उन्हें कुछ फीमेल प्रोड्यूसर हफ्ते के सिर्फ 1000 रुपये देती थीं. लेकिन इसके बदले में उनसे उनके गाल पर 10 बार किस करने की डिमांड भी की जाती थी.
सैफ का कहना है कि 90 का दशक उनके लिए सीखने का समय था. लोग कहते थे कि उन्हें इंडस्ट्री में जल्दी मौके मिले, लेकिन असलियत यह थी कि उन्हें हमेशा सबसे अच्छी फिल्में या मेन लीड रोल नहीं मिलते थे. उन्होंने इस समय में बहुत मेहनत की और अनुभव हासिल किया.
सैफ का करियर साल 2001 में आई फिल्म दिल चाहता है से बदल गया. इसके बाद उनकी फिल्में लगातार चर्चा में रहीं. उन्हें साल 2004 में आई फिल्म हम तुम के लिए अपना पहला और एकलौता नेशनल अवॉर्ड मिला. इसके बाद 2006 में आई फिल्म ओमकारा ने उन्हें क्रिटिक्स के बीच अलग पहचान दिलाई.
सैफ आज भी एक्टिंग में नए प्रयोग कर रहे हैं. उनके आने वाले प्रोजेक्ट्स में अक्षय कुमार के साथ फिल्म हैवान और रेस 4 शामिल हैं. सैफ ने अपने करियर में यह साबित कर दिया है कि परिवार की प्रतिष्ठा और मेहनत दोनों ही जरूरी हैं. उनके संघर्ष और सफलता की कहानी नए एक्टर्स के लिए प्रेरणा का स्रोत है. सैफ अली खान ने यह दिखाया है कि चाहे शुरुआती समय कितना भी मुश्किल क्यों न हो, मेहनत, धैर्य और सही मौके मिलने पर सफलता निश्चित है.