नीतीश कुमार रहेंगे या जाएंगे, चुनाव की तारीखों के एलान से पहले क्या कह रहे ओपिनियन पोल?
Online Gaming Act 2025 क्या है? रियल मनी गेमिंग पर लग सकता है बैन, 10 अहम बातें
ज्ञान और नेतृत्व कौशल का संगम; महताब आलम रिजवी ने शुरू किया JMI में नए युग का आगाज
बिहार मतदाता सूची में गड़बड़ी? कांग्रेस ने चुनाव आयोग को बताई बीजेपी की B टीम
रोहित की कप्तानी को अलविदा…गिल के साथ टीम इंडिया के नए युग की शुरुआत!
भरोसे का खून : मेरठ में आदिल की हत्या कर दोस्त ने बनाई वीडियो, 6 के खिलाफ FIR
BBDS App Download
× Bindass Bol Home About News Contact Search

Dilsukhnagar Blast के दोषी की फांसी पर SC ने लगाई रोक, अधिकारियों से मांगी केस की पूरी फाइल

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

Supreme Court on Dilsukhnagar Bomb Blast Accused: हैदराबाद के 2013 दिलसुखनगर डबल बम धमाका मामले में दोषी करार दिए गए असदुल्लाह अख्तर की फांसी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (25 सितंबर) को रोक लगा दी है. इन धमाकों में 18 लोगों की मौत हुई थी और 131 लोग घायल हुए थे. 

असदुल्लाह अख्तर को साल 2016 में एनआईए की विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी, जिसे तेलंगाना हाईकोर्ट ने 8 अप्रैल 2024 को बरकरार रखा था. इसके बाद अख्तर ने 20 सितंबर को हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) दाखिल की थी.

तीन जजों की बेंच ने सुना मामला
गुरुवार को जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की तीन सदस्यीय बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की. अख्तर की वकील सीमा मिश्रा ने अदालत को बताया कि वह फिलहाल दिल्ली की मंडोली जेल में बंद है। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि जो भी आदेश दिए जाएं, उसकी जानकारी सीधे जेल प्रशासन तक पहुंचे. वकील ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी गुज़ारिश की कि एसएलपी दाखिल करने में हुई 75 दिन की देरी को माफ किया जाए, जिसे अदालत ने मंज़ूर कर लिया.

कोर्ट ने मांगी तीन रिपोर्टें
बेंच ने न सिर्फ फांसी की सजा पर रोक लगाई बल्कि ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट की मूल फाइलें मंगाने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को कहा गया कि इन रिकॉर्ड्स की अनुवादित कॉपियां सभी पक्षकारों को उपलब्ध कराई जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि जेल में अख्तर के व्यवहार और मानसिक स्थिति की विस्तृत जांच की जाए. इसके लिए अदालत ने आठ हफ्तों के भीतर तीन रिपोर्टें पेश करने को कहा है.
 
इनमें एक रिपोर्ट प्रोबेशन अधिकारी द्वारा होगी, जो दोषी के व्यवहार पर नज़र रखने के बाद तैयार की जाएगी. दूसरी रिपोर्ट जेल अधीक्षक की होगी, जिसमें जेल के अंदर अख्तर की गतिविधियों और आचरण का ब्यौरा होगा. तीसरी रिपोर्ट उसके मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी होगी, जिसमें उसकी मानसिक स्थिति का आंकलन किया जाएगा. कोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि ये आदेश तुरंत दिल्ली सरकार के स्थायी वकील को भेजे जाएं और वे सुनिश्चित करें कि जेल प्रशासन तक आदेश पहुंचे और उसका पालन हो.

12 हफ्ते बाद होगी अगली सुनवाई
अदालत ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 12 हफ्ते बाद होगी. तब तक सभी रिकॉर्ड्स और रिपोर्टें कोर्ट में पेश होनी चाहिए. साथ ही अख्तर की लीगल टीम को दो हफ्ते के भीतर दायर याचिका में पाई गई कमियों को दुरुस्त करने का निर्देश भी दिया गया है.

गौरतलब है कि 21 फरवरी 2013 को हुए दिलसुखनगर बम धमाका हैदराबाद के हालिया इतिहास के सबसे भयावह आतंकी हमलों में से एक था. एनआईए की जांच और सबूतों के आधार पर विशेष अदालत ने 13 दिसंबर 2016 को असदुल्लाह अख्तर को मौत की सजा सुनाई थी. इस फैसले को इस साल तेलंगाना हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा था, जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है.

यह भी पढ़ें: जयशंकर ने बिना नाम लिए ट्रंप पर किया वार, कहा - 'सच से मुंह नहीं मोड़ सकते'

Bindass Bol Dil Se

Written by: Raihan

26 Sep 2025 (Published: 10:37 IST)